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- Maruti Suzuki Recalls 39,506 Grand Vitara SUVs In India: Fuel Level Gauge & Warning Light Defect – Free Fix
नई दिल्ली57 मिनट पहले
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मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने तकनीकी खराबी के कारण 39,506 गाड़ियों को वापस बुलाया है। कंपनी के इस रिकॉल में 9 दिसंबर 2024 से 29 अप्रैल 2025 के बीच बनाई गई पॉपुलर SUV ग्रैंड विटारा के मॉडल शामिल हैं।
इस रिकॉल का कारण फ्यूल लेवल इंडिकेटर और वार्निंग लाइट सिस्टम में संभावित तकनीकी खामी बताई गई है। मारुति सुजुकी ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में इसकी जानकारी दी है।

लो फ्यूल वार्निंग लाइट फ्यूल का लेवल गलत बता रही
कंपनी का कहना है कि इन गाड़ियों के स्पीडोमीटर असेंबली में फ्यूल गेज और लो फ्यूल वार्निंग लाइट फ्यूल का लेवल सही ढंग से डिस्प्ले नहीं कर पा रही है। इससे चालक को गलत फ्यूल जानकारी मिल सकती है, जो लंबी दूरी या हाइवे ड्राइविंग के दौरान परेशानी का कारण बन सकती है।
कंपनी ने कहा कि यह समस्या सीमित संख्या के वाहनों में देखी गई है, लेकिन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी प्रभावित यूनिट्स को जांच के लिए बुलाया जा रहा है। हम सभी ओनर्स को सलाह देंगे कि वह अपनी गाड़ी में पर्याप्त फ्यूल भरवा कर रखें और इस पार्ट को जल्दी से जल्दी बदलवा लें।
कस्टमर से नहीं लिया जाएगा कोई चार्ज
कंपनी ने बताया कि मारुति सुजुकी के अधिकृत वर्कशॉप मॉडल्स के ऑनर्स से संपर्क करेंगे, जहां डिफेक्ट को सही किया जाएगा। वाहन मालिकों को खराब पार्ट को बदलने की जानकारी दे दी जाएगी। डिफेक्ट सुधारने या पार्ट्स बदलने के लिए कस्टमर से किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जाएगा।
इसके अलावा, ओनर यहां क्लिक कर अपना व्हीकल आइडेंटिफिकेशन नंबर (VIN) डालकर भी पता लगा सकते हैं कि उनकी गाड़ी इस पार्ट से प्रभावित हुई है या नहीं।
सीट बेल्ट में खराबी के कारण बुलाई थीं 11,177 गाड़ियां
ग्रैंड विटारा के लिए यह पहला रिकॉल नहीं है। मारुति सुजुकी ने इससे पहले 24 जनवरी 2023 को इसकी 11,177 यूनिट्स को रिकॉल किया था। कंपनी ने 8 अगस्त 2022 से 15 नवंबर 2022 के बीच बनाए गए मॉडल्स के रियर सीट के सीट बेल्ट माउंटिंग ब्रैकेट में टेक्निकल डिफेक्ट आने के कारण रिकॉल किया था।

पहले भी वापस बुलाई थीं कारें
- कंपनी ने 18 जनवरी 2023 को 8 दिसंबर, 2022 से 12 जनवरी, 2023 के बीच बनाई गई 17,362 गाड़ियों को रिकॉल किया था। इनमें ऑल्टो के10, एस-प्रेसो, ईको, ब्रेजा ग्रैंड विटारा और बलेनो शामिल थीं। इन गाड़ियों के एयरबैग कंट्रोलर्स में खराबी आ गई थी।
- इससे पहले कंपनी ने 2 से 28 नवंबर 2022 के बीच बनी कुल 9,125 गाड़ियों को रिकॉल किया था। इन मॉडल्स में सियाज, ब्रेजा, अर्टिगा, XL6 और ग्रैंड विटारा शामिल थीं। कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा था कि फॉल्टी पार्ट का रिप्लेसमेंट फ्री ऑफ कॉस्ट होगा।
- पिछले साल मारुति सुजुकी इंडिया ने अपने तीन मॉडलों वैगन आर, सेलेरियो और इग्निस की 9,925 यूनिट भी वापस बुलाई थीं। इसका कारण रियर ब्रेक असेंबली पिन में गड़बड़ी थी। इन व्हीकल्स की मैन्युफैक्चरिंग 3 अगस्त से 1 सितंबर 2022 के बीच की गई थी।

देश में गाड़ी रिकॉल के बड़े मामले
- 1. बलेनो और वैगनआर रिकॉल: जुलाई 2020 में मारुति ने वैगनआर और बलेनो की 1,34,885 यूनिट्स को रिकॉल किया था। इन मॉडल को 15 नवंबर, 2018 से 15 अक्टूबर, 2019 के बीच तैयार किया गया था। कंपनी ने फ्यूल पंप में खराबी के चलते गाड़ियों को रिकॉल किया था।
- 2. मारुति ईको रिकॉल: नवंबर 2020 में कंपनी ने ईको की 40,453 यूनिट्स को रिकॉल किया था। कंपनी ने गाड़ी के हेडलैम्प पर मिसिंग स्टैंडर्ड सिंबल की वजह से ये फैसला लिया था। इस रिकॉल में 4 नवंबर, 2019 से 25 फरवरी, 2020 के बीच मैन्युफैक्चर की गई ईको शामिल थीं।
- 3. महिंद्रा पिकअप रिकॉल: 2021 में महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अपने कॉमर्शियल पिकअप व्हीकल की 29,878 यूनिट्स को रिकॉल किया था। कंपनी ने कहा था कि जनवरी 2020 से फरवरी 2021 के बीच मैन्युफैक्चर होने वाले कुछ पिकअप व्हीकल में एक फ्ल्यूड पाइप का रिप्लेसमेंट किया जाना है।
- 4. महिंद्रा थार रिकॉल: महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अपनी ऑफरोड SUV थार के डीजल वैरिएंट की 1577 यूनिट्स को फरवरी 2021 में रिकॉल किया था। कंपनी ने कहा था कि प्लांट की मशीन में गड़बड़ी के चलते ये पुर्जे खराब लग गए। सभी यूनिट का प्रोडक्शन 7 सितंबर से 25 दिसंबर, 2020 के बीच में किया गया था।
- 5. रॉयल एनफील्ड रिकॉल: मई 2021 में शॉर्ट सर्किट की आशंका के चलते रॉयल एनफील्ड ने बुलेट 350, क्लासिक 350 और मीटिअर 350 की 2,36,966 यूनिट्स को वापस मंगाया था। इन सभी की मैन्युफैक्चरिंग दिसंबर 2020 से अप्रैल 2021 के बीच की गई थी।

रिकॉल क्या है और क्यों होता है?
जब कोई कंपनी अपने बेचे गए प्रोडक्ट को वापस मंगाती है, तो इसे रिकॉल कहते हैं। किसी कंपनी के द्वारा रिकॉल का फैसला उस वक्त लिया जाता है जब उसके प्रोडक्ट में कोई खराबी होती है। रिकॉल की प्रोसेस के दौरान वो प्रोडक्ट की खराबी को दुरुस्त करना चाहती है। ताकि भविष्य में प्रोडक्ट को लेकर ग्राहक को किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़े।
कंपनी के रिकॉल पर एक्सपर्ट की सलाह
कार में खराबी को लेकर कंपनी को पहले सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स (SIAM) को एक डेटा देना पड़ता है। इसमें कार की खराबी के साथ कितने प्रतिशत लोगों को प्रॉब्लम हो रही है, बताना पड़ता है। इसके बाद सियाम अप्रूवल देता है। कंपनी खराबी को ठीक करने के लिए एक टाइम तय करती है। यदि किसी ग्राहक की गाड़ी उसके खरीदे गए शहर से बाहर है, तब वो उस शहर के नजदीकी सर्विस सेंटर पर भी उसे ठीक करा सकता है।