
- Hindi News
- Business
- India Fast Tracks Alternate EV Motor Tests As China Restricts Rare Earths Exports
नई दिल्ली52 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
इन मोटरों में परमानेंट मेग्नेट की जगह पावर जनरेट करने के लिए कसकर लिपटे धातु के कॉइल का उपयोग किया जाता है। (फाइल फोटो)
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) के लिए मोटर बनाने में इस्तेमाल होने वाले रेअर अर्थ मेटल पर चीन के बढ़ते नियंत्रण और निर्यात प्रतिबंधों से निपटने के लिए भारतीय कंपनियां अब बिना रेअर अर्थ मेटल वाले मोटर का परीक्षण कर रहीं हैं।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक फरीदाबाद की 3,500 स्क्वायर फीट की लैब में फोटोनिक सॉल्यूशंस और स्टर्लिंग जीटीके ई-मोबिलिटी जैसी भारतीय कंपनियों ने मैग्नेट-फ्री मोटर के टेस्ट शुरू किए हैं।
ये मोटर ब्रिटेन की एडवांस्ड इलेक्ट्रिक मशीन्स की टेक्नोलॉजी से बनी हैं, जो टाइटली वाइंडेड मेटल कॉइल्स से पावर जनरेट करती हैं। यानी, इन मोटरों में परमानेंट मेग्नेट की जगह पावर जनरेट करने के लिए कसकर लिपटे धातु के कॉइल का उपयोग किया जाता है।
अगर इनका ट्रायल सफल होता है तो यह EV मार्केट में एक बड़ा बदलाव हो सकता है और चीन पर हमारी निर्भरता को कम हो सकती है।
गाड़ी में रेयर अर्थ मेटल्स का इस्तेमाल कहां-कहां होता है
- रेयर मेटल्स का इस्तेमाल खास तौर पर इलेक्ट्रिक गाड़ियों में किया जाता है। इनका उपयोग परमानेंट मैग्नेट इलेक्ट्रिक मोटर्स के लिए कॉम्पैक्ट और हाई परफॉर्मेंस मेग्नेट बनाने के लिए किया जाता है।
- नियोडिमियम, डिस्प्रोसियम और टरबियम जैसे तत्वों से बने ये चुंबक, मोटरों को छोटे, हल्के और अन्य मोटर की तुलना में ज्यादा एफिशिएंट बनाते हैं, जो ईवी की रेंज और परफॉर्मेंस को बेहतर बनाते हैं।
- इनका इस्तेमाल पेट्रोल-डीजल गाड़ियों में लगने वाले केटेलिक कन्वर्टर्स जैसे कंपोनेंट्स में भी होता है। इसके अलावा गाड़ी में लगने वाले कई सिस्टम में सेंसर से लेकर डिस्प्ले तक में ये धातुएं इस्तेमाल होती है।

रेयर मटेरियल्स की माइनिंग में चीन की करीब 70% हिस्सेदारी
बता दें कि ग्लोबल लेवल पर रेयर मटेरियल्स की माइनिंग में चीन की हिस्सेदारी करीब 70% और प्रोडक्शन में करीब 90% तक है। चीन ने हाल ही में अमेरिका के साथ बढ़ती ट्रेड वॉर के बीच 7 कीमती धातुओं (रेयर अर्थ मटेरियल) के निर्यात पर रोक लगा दी थी।
चीन ने कार, ड्रोन से लेकर रोबोट और मिसाइलों तक असेंबल करने के लिए जरूरी मैग्नेट यानी चुंबकों के शिपमेंट भी चीनी बंदरगाहों पर रोक दिए हैं। ये मटेरियल ऑटोमोबाइल, सेमीकंडक्टर और एयरोस्पेस बिजनेस के लिए बेहद अहम हैं।

ये खबर भी पढ़ें बजाज ई-स्कूटर चेतक का प्रोडक्शन रोक सकता है:रेयर अर्थ मैग्ननेट खत्म होने की बात कही, ये ईवी की मोटर का जरूरी पार्ट
बजाज ऑटो अगले महीने (अगस्त 2025) से अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर चेतक और इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर गोगो का प्रोडक्शन पूरी तरह रोक सकता है। क्योंकि, कंपनी के पास रेयर अर्थ मैग्नेट्स का स्टॉक खत्म होने की कगार पर है। इसकी वजह, चीन की ओर से रेयर अर्थ मेटल्स की सप्लाई पर रोक लगना है। पूरी खबर पढ़ें..